शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था के बदतर हालातः वासुदेव देवनानी....
जयपुर। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर जन आक्रोश यात्रा को लेकर भाजपा पूर्व मंत्री व विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, शिक्षा के क्षेत्र में आज राजस्थान की स्थिति बहुत ही बदतर हो चुकी है इसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदार अशोक गहलोत सरकार है, इस जंगलराज में युवाओं में उच्च शिक्षा श्रेणी में 50 प्रतिशत पद खाली होने को लेकर बहुत ही जबरदस्त आक्रोश है। कांग्रेस सरकार के कुशासन में विधार्थियों के साथ शिक्षक भी है परेशान, प्रदेश के 476 सरकारी कॉलेजों में से प्रिंसिपल के 386 पद खाली हैं एवं गेस्ट फेकल्टी लेक्चरर के द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है, जबकि स्थायी लेक्चरर की आवश्यकता है।
कांग्रेस सरकार ने नए महाविधालय खोलने को लेकर सिर्फ वाहवाही लूटने का कार्य किया है, बड़ी-बड़ी घोषणाए की, लेकिन धरातल पर सब शून्य है, आज प्रदेश में 27 महाविद्यालयों में लाईब्रेरियन के पद खाली पड़े है, दूसरी ओर कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार नए महाविद्यालय खोलने को लेकर मौखिक रूप से वाहवाही लेने का कार्य कर रही है।
आज कांग्रेस सरकार के शासन में नए महाविद्यालयों में शिक्षकों के 1148 पद स्वीकृत है, लेकिन उनको अभी तक नहीं भरा गया। शिक्षा के दृष्टिकोण से 100 छात्रों पर औसतन एक ही शिक्षक है। भ्रष्टाचार के मामले में शिक्षा विभाग चरम सीमा पर है, जो कांग्रेस सरकार इस सीमा को पार कर चुकी है। नर्सिंग काउंसिल में प्रवेश हेतु 84 हजार फीस बनती है, जो कांग्रेस सरकार के शासन में 3 लाख 20 हजार ली जा रही है। जो बिना वजह अभिभावकों पर आर्थिक भार है। आज राजस्थान में शिक्षा की स्थिति इतनी बदहाल हो चुकी है कि 12 हजार सरकारी विधालयों में अनिवार्य विषयों के शिक्षक ही नहीं है। तो शिक्षा के क्षेत्र कैसे प्रगति करेगा राजस्थान।
रीट की चीट में मामले में आरपीएससी चेयरमैन ने साफ कहा था कि बिना राजनीतिक साठगाठ के पेपर लीक होना संभव नहीं हो सकता। देवनानी ने प्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाते हुए कहा कि इस रीट की चीट में शिक्षामंत्री सुभाष गर्ग सीधे तौर पर जिम्मेदार है और 2023 में भाजपा की सरकार बनने पर रीट की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाएगी। अशोक गहलोत एक ओर 1662 अंग्रेजी माध्यम के विधालय खोलकर जनता की प्रशंसा लूट रहे है, लेकिन जनता को यह नहीं बता रहे कि यह अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की एवज में उतने ही हिंदी माध्यम के स्कूलों को बंद कर हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले छात्रों के साथ अनिति की है। भाजपा सरकार ने सरकारी विधालयों में कक्षा 1 से 8 तक के विधार्थियों के लिए अन्नपूर्ण दुग्ध योजना शुरू की थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने अन्नपूर्णा योजना बंद कर साढ़े तीन वर्ष बाद चुनाव के समय मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के नाम से शुरू किया।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विद्यालयों में कम्पूटर लेब बनवाई गई थी जिसको कांग्रेस सरकार ने आज कबाड का रूप दे दिया है, आज शिक्षा के क्षेत्र में स्थिति इतनी विचारणीय हो चुकी है कि प्राध्यापक प्रधानाचार्यो को ही चोक डस्टर के पैसे देने पड रहे है। शिक्षा की इस व्यवस्था से तंग आकर इस वर्ष 11 हजार छात्र-छात्राओं ने टीसी ले ली है। देवनानी ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या होगा कि जब मुख्यमंत्री द्वारा एक सभा में अध्यापकों से प्रश्न किया जाता है कि ट्रांसफर के नाम पर पैसा लिया जाता है क्या? तो शिक्षकों द्वारा जवाब में कहा जाता है कि ट्रांसफर के नाम पर निश्चित रूप से पैसा लिया जाता है इससे बड़ी प्रत्यक्ष बेज्जती और भ्रष्टाचार कहा होगा, आज कांग्रेस की इस भ्रष्ट सरकार के पास तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 85 हजार ट्रांसफर आवेदन पेडिंग में है।
स्कूलों में शिक्षा सत्र के नवंबर महा में जाकर स्कूल यूनिफॉर्म का सिर्फ कपड़े दिए जाते है और मुख्यमंत्री जी कहते है कि अभिभावक स्वयं बच्चों की यूनिफॉर्म सिलवाए।
प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण को लेकर कोई पाबंदी नहीं है, प्राइवेट स्कूलों ने लूट मचा रखी है जिसका भार राजस्थान की आम जनता को वहन करना पड़ रहा है, जिसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की है।
महाराणा प्रताप ने इस देश और राज्य के लिए बहुत कुछ किया है, शिक्षा के माध्यम से इस बात को जनता तक पहुंचाया जाएं तो अकबर को महान कोई नहीं बताएगा। राहुल गांधी ने हमारे राष्ट्रीय वीर हिंदू सावरकर जैसे भाईयों का अपमान किया है, अब इस कांग्रेस सरकार का स्थाई रूप से अंत निश्चित है, जिसकी बानगी गुजरात में अशोक गहलोत के राजस्थान कांग्रेस मॉडल को नकारते हुए जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस दौरान प्रदेश मीडिया संयोजक पंकज जोशी, प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगडी, प्रदेश मीडिया सह-संयोजक अशोक सिंह शेखावत मौजूद रहे।