सुरभि संगीत संस्था द्वारा योग और विश्व संगीत दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन संस्था के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र जयपुर में किया गया, जहां योग के अद्भुत आसनों और विश्व संगीत की मनमोहक धुनों ने समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 6 बजे योग सत्र से हुई, जिसमें योगाचार्य रिद्दीमा सरीन ने प्रतिभागियों को विभिन्न योगासन और प्राणायाम सिखाए। ज्योति शर्मा ने योग के शारीरिक और मानसिक लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "योग न केवल हमारे शरीर को फिट रखता है, बल्कि यह मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।" योग सत्र के बाद विश्व संगीत दिवस का उत्सव शुरू हुआ। इस सत्र में विभिन्न देशों के पारंपरिक और समकालीन संगीत की प्रस्तुतियाँ दी गईं। सुरभि संगीत संस्था की 85 वर्षीय संस्थापक, मनोरमा शर्मा ने कहा, "विश्व संगीत दिवस विभिन्न संस्कृतियों के संगीत से जोड़ता है और हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है।"
इस अवसर पर कई संगीत सधको ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।कार्यक्रम की शुरुआत दिलीप भट्ट और धा ब्रदर्स ने गणेश वंदना के साथ की साथ ही अदिति , भूमिका , तनिष्का , अंकुर , हर्षित ने अपनी गायकी से सभी का मन मोह लिया संगत में ढोलक पर राजकुमारी, पियानो पर टीआना यशस्वी अवम् आराध्य गिटार पर ट्विंकल, आयुष कांगो पर रिआन ,ऋषिक ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की धुनें बजाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, गिटारवादक कुलदीप शर्मा ने पश्चिमी संगीत के सुरों से समां बांध दिया। बच्चों के लिए विशेष संगीत कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने विभिन्न वाद्य यंत्रों का परिचय प्राप्त किया और उन्हें बजाने का अभ्यास किया।
कार्यक्रम के अंत में, सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया और उन्हें योग और संगीत के प्रति उनकी रुचि और उत्साह के लिए प्रोत्साहित किया गया। सुरभि संगीत संस्था के अध्यक्ष, श्रीमती निपुणा शर्मा ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा, "इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य योग और संगीत के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मकता और आनंद लाना है।"
सुरभि संगीत संस्था ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि योग और संगीत न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, बल्कि यह हमारे जीवन को समृद्ध और संतुलित बनाने के भी महत्वपूर्ण साधन हैं।