राजस्थान में लगातार बढ़ रहे स्कूली वाहनों से होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने अब बड़ा फैसला लिया है। स्कूली स्टूडेंट को ले जाने वाली बसों और अन्य प्रदेश के अधिकतर सभी स्कूलों में स्कूली परिवहन सुरक्षित नहीं है सिर्फ ग्रामीण इलाके ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े शहरों के स्कूलों में भी स्कूली परिवहन से जुड़े नियम और कायदों को फॉलो नहीं किया जा रहा। यही कारण है कि गत कुछ माह से प्रदेश में लगातार स्कूली वाहनों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं की खबरें सामने आ रही है।
परिवहन आयुक्त के एल स्वामी ने बताया के बाल वाहिनियों में CCTV कैमरे लगने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकेगी। क्योंकि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं स्कूलों की ओर से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण हो रही है।
बाल वाहिनियों में CCTV कैमरे लगाने के नियम:
1- प्रत्येक बाल वाहिनी में लाइव कवरेज रिकॉर्डिंग के लिए शिक्षण संस्था के वाहनों में CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
2- बाल वाहिनी में CCTV कैमरे इस तरह से लगाए जाएंगे जिससे वाहन के अंदर का पूरा दृश्य दिखाई दे।
3- 9 से अधिक क्षमता की सीट वाली शिक्षण संस्था बस में कम से कम दो CCTV कैमरे लगाने होंगे 9 से कम सीट क्षमता वाले वाहनों में कम से कम एक CCTV कैमरा लगाना होगा।
4- स्कूली बस में छात्रों के चढ़ने और उतरने के लिए प्रयोग किए जाने वाले गेट को भी सीसीटीवी कैमरे से कवर करना होगा।
5-बाल वाहिनी चालक द्वारा कैमरे हमेशा चालू हालत में रखना आवश्यक होगा कैमरा बंद पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
6- बाल वाहिनी वाहनों में लगाए जाने वाले CCTV कैमरे 4G तकनीक युक्त होंगे जिस कमरे का लाइव फीड 4G इंटरनेट के माध्यम से शिक्षण संस्था द्वारा देखा जाएगा और उसकी रिकॉर्डिंग की जाएगी।
7- शिक्षण संस्थान को CCTV कवरेज की कम से कम 3 माह की रिकॉर्डिंग रखनी होगी।