सांगानेर में सुविधा शुल्क लेकर किया जा रहे अवैध मीट की दुकान, मांसाहारी होटलों तथा अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने एवं संरक्षण प्रदान करने वालों पर कठोर कार्यवाही करने हेतु आज "विश्व हिंदू परिषद-बजरंगदल सांगानेर" के कार्यकर्ताओ द्वारा एसडीएम हिम्मत सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। विहिप जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा ने बताया की नियमों को ताक में रखकर अवैध मीट की दुकान /मांसाहारी होटल तथा अवैध बूच़डखानों का संचालन बेधड़क बिना रोक-टोक के बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण क्षेत्र में अराजकता का माहौल बना हुआ है। आसपास रहने वाले परिवारजन महिलाएं संबंधित क्षेत्र और स्थान से निकलने में भयभीत होती हैं। यहां तक की मीट की दुकानों /मांसाहारी होटल तथा अवैध बूचड़खानों का संचालन धार्मिक स्थलों, राजकीय, गैर राजकीय विद्यालयों, मंदिर, मेडिकल, हॉस्पिटल, दुकान, प्रज्ञा केंद्र सहित दर्जनों किराना, बीज भंडार एवं अन्य दुकानों के पास हो रहा है, जिससे प्रतिदिन दर्जनों ग्राहकों को आने-जाने में, भक्तों को पूजा पाठ करने में, विद्यार्थियों को आने-जाने में दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। मंदिरों में महिलाओं का आना जाना दुभर हो चुका है जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है, विद्यालयों में आने जाने वाले विद्यार्थी अपने आप को असहज महसूस करते हैं। मीट की दुकान मांसाहारी होटलों से निकलने वाला कचरा एवं बचा हुआ मांस आसपास के क्षेत्र में फेंक दिया जाता है जिससे दुर्गंध के कारण संबंधित स्थान से निकलने वाले राहगीरों का निकलना बंद हो जाता है। क्योंकि बहुतायत संख्या में मीट की दुकान बीच आबादी में भी खुली हुई है। जिससे सायं होने के बाद कचरा सड़क पर फेंक दिया जाता है तो कुत्ते इकट्ठे हो जाते हैं लोगों को न केवल आवाजाही में परेशानी होती है अपितु संक्रमण और बीमारी फैलने का खतरा भी लगातार बना हुआ है। निगम में लगातार शिकायत देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके कारण आम जनमानस को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सांगानेर क्षेत्र के मालपुरा गेट, सांगानेर थाना पुलिया के नीचे, बैरवा कॉलोनी, टोंक रोड, सेक्टर 35 प्रताप नगर, नारायण हॉस्पिटल के पास, EPIP गेट टोंक रोड, गोवर्धन नगर, कालाबड़ फाटक के पास एवं आसपास के क्षेत्र में अवैध मीट की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। रमेश शर्मा ने कहा है कि यदि जल्दी ही सांगानेर में हो रहे अवैध मीट के इस कारोबार को तुरंत प्रभाव से बंद नहीं किया गया और लगातार बढ़ रहे अवैध मीट की दुकानों के लाइसेंसों पर तुरंत रोक नही लगाई गई तो संगठन को मजबूर होकर जन आंदोलन करना पड़ेगा।