पन्ना ,पवई ,शिक्षक सतानंद पाठक ने 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर पतने नदी में कलेहन घाट में साफ सफाई करते हुए लोगों से आग्रह किया कि जल है तो कल है।
जल कल नहीं है, यह सोचकर जल का उपयोग करे। विदित है कि शिक्षक सतानंद पाठक द्वारा पिछले 10 वर्षों से जल संरक्षण अभियान चलाकर लोगों को जल के महत्व के बारे में बताते हैं। जल बचाने की बात करने के बजाय जल को बचाये। सिर्फ गर्मी में जल बचाने की न सोचें 365 दिन बचाये। जिन लोगो को पृथ्वी पर जल की की उपलब्धता के बारे में जानकारी नही है,अगर वे जल को व्यर्थ बहाते है तब तक तो बात समझ मे आती है किंतु प्रायः देखा गया है कि जिन्हें सब मालूम है वे इसका ज्यादा दुरुपयोग करते है, क्योकि इसमें से ज्यादातर के पास धन होता है वे अपनी जरूरत से ज्यादा खर्च कर जल का इंतजाम कर लेते है। प्रायः यह भी देखा है कि कई घरो की पानी की टंकियां बहती रहती है ,कई लोग अपनी गाडियो को धोने में बेतहाशा पानी बहाते है। जल की तुलना या अपना स्तेमाल का अधिकार, कभी भी आपके द्वारा चुकाए गए कर से न करे। पुनः जल है तो कल है।
नहीं तो परसो आप (जीवन) ही नहीं है। सिर्फ अपने बारे में न सोचें आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी सोचे
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेश पाठक वकील एवं राजेंद्र सिंह शिक्षक एवं दर्जनों लोग शामिल हुए ।