भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन सिंधी भाषा, संस्कृति और साहित्य के प्रचार प्रसार एवं संवर्धन हेतु क्रियाशील "
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद" द्वारा रविवार 22 जनवरी को सिंधी लैंग्वेज लर्निंग कोर्स की परीक्षा आयोजित हुई।
प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि "
भारतीय सिंधु सभा राजस्थान न्यास" द्वारा इस परीक्षा हेतु राजस्थान के विभिन्न जिला केंद्रों से विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन करवाया गया। राजस्थान में 178 सिंधी कक्षाओं के माध्यम से 2291 विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन करवाते हुए कक्षाएं संचालित की गई, जहां सिंधी शिक्षा मित्रों द्वारा 100 घंटे का विद्यार्थियों को अध्ययन कराने का कार्य पूर्ण किया गया है। परीक्षा संयोजक डॉ प्रदीप गेहाणी ने बताया कि सहसंयोजक नवल किशोर गुरनाणी, गिरधारी लाल ज्ञानाणी, दिपेश सामनाणी सहित कुल 33 सुपरवाइजरों के सहयोग से राजस्थान के विभिन्न जिलों में 21 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें अजमेर, अलवर, अनूपगढ़, ब्यावर, बालोतरा, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, इस्माइलपुर, खैरथल, जयपुर, नसीराबाद, कोटा,निवाई, सिरोही, सुमेरपुर, पाली और उदयपुर में स्थापित परीक्षा केंद्रों के माध्यम से सिंधी सर्टिफिकेट, सिन्धी डिप्लोमा एवं सिन्धी एडवांस डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाएं करवाई गई। जिनमें सिंधी सर्टिफिकेट में 841, सिन्धी डिप्लोमा में 567 एवं सिन्धी एडवांस डिप्लोमा में 385 परिक्षार्थी उपस्थित हुए। महासचिव ईश्वर मोरवाणी ने बताया कि "
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद" के आर्थिक सहयोग से कुल 75 प्रशिक्षित सिन्धी शिक्षामित्रों के द्वारा यह शिक्षण कार्य कराया गया है। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की सिंधी लैंग्वेज लर्निंग कोर्स स्कीम के तहत सिन्धी कक्षाओं के संचालन में भारतीय सिंधु सभा के कार्यकर्ता क्रियाशील है और राजस्थान सहित देश भर में सिंधी भाषा इन कक्षाओं को संचालित करने में सहयोग रहा।