हिंदू धर्म में मान्यता है कि ईश्वरीय शक्ति का निवास पूजा घर एवं मंदिर में होता है। दीपावली पर माता लक्ष्मी का घर-घर में आगमन भी हमारी प्राचीन मान्यता के अनुसार मंदिर से ही होता है। भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष में संपूर्ण विश्व में दीपोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस हेतु प्रत्येक घर में साफ सफाई एवं पूर्व तैयारियां की जाती हैं। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने एवं अपने निवास में विराजमान करने हेतु खुशनुमा वातावरण विकसित किया जाता है। पर यह कैसी विडंबना है? कि घरों का शुद्धीकरण करते-करते हम अपने विचारों का शुद्धिकरण नहीं कर पाते। माता लक्ष्मी के आगमन के लिए घरों की साफ सफाई करते हुए मंदिर की ओर ध्यान नहीं दे पाते और अंधविश्वास के कारण मंदिर में खंडित मूर्तियों एवं भगवान के चित्र को रखकर मंदिर में गंदगी और अव्यवस्थित वातावरण उत्पन्न कर देते हैं और ऐसे अशुद्ध विचारों के साथ दीपावली के अवसर पर मंदिरों में दीपक रखकरअपने निवास स्थान पर माता लक्ष्मी की प्रतीक्षा करते हैं। इस व्यवस्था में सुधार हेतु हमें अपने विचारों में सात्विकता लानी होगी, विचारों का शुद्धिकरण करना होगा। अपने घरों के साथ-साथ अपने आसपास के मंदिरों की भी साफ-सफाई व पूर्व तैयारी की जिम्मेदारी लेनी होगी और भगवान के पुराने खंडित चित्रों को फोटो फ्रेम से निकालकर मिट्टी में दबाने से उपरोक्त समस्या का अपेक्षित समाधान किया जा सकता है।
डॉ सुनीता शर्मा (असिस्टेंट प्रोफेसर)
श्री भवानी निकेतन महिला महाविद्यालय सीकर रोड जयपुर!